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कुव्वते इस्लाम
Quwwate Islam قوّتِ اسلام
☆ बराहे कल्मे ☆
१ : पहला कलमा तय्यब : ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)
اول
کلمہ طیبہ
لَآ
اِلٰهَ اِلَّااللهُ مُحَمَّدٌ رَّسُولُ اللہِ
तर्जुमा : प्रथम कलमा पाकिका
अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत
मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और
आखिरी रसूल है.
२ : दूसरा
कलमा शहादत : अश-हदु
अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व
अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु.
دوئیم
کلمہ شہادت
اَشْهَدُ
اَنْ لَّآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَحْدَہٗ لَاشَرِيْكَ لَہٗ وَاَشْهَدُ اَنَّ
مُحَمَّدًا عَبْدُهٗ وَرَسُولُہٗ
तर्जुमा : दूसरा कलमा गवाही का है
मैं गवाही देता हु के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं. वह अकेला है उसका कोई
शरीक नहीं. और मैं गवाही देता हु कि (हज़रत) मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह
के नेक बन्दे और आखिरी रसूल है।
३: तीसरा
कलमा तमजीद : सुब्हानल्लाही
वल् हम्दु लिल्लाहि वला इला- ह इलल्लाहु वल्लाहु अकबर, वला हौल वला कूव्- व-त इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम.
سویام کلمہ تمجید
سُبْحَان
اللهِ وَالْحَمْدُلِلّهِ وَلا إِلهَ إِلّااللّهُ وَاللّهُ أكْبَرُ وَلا حَوْلَ
وَلاَ قُوَّةَ إِلَّا بِاللّهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيْم
तर्जुमा : तीसरा कलमा बुजुगिंका
अल्लाह की जात पाक है और सब तरीफेन
अल्लाह हीके लिए है और अल्लाह ताला के शिव कोई मबूद नहीं और अल्लाह के सिवा कोई
इबादत के लायक नहीं और अल्लाह सबसे बड़ा है और नहीं किसी में ताकत और नहीं
किसी में कुदरत लेकिन अल्लाही सबसे बड़ा बुझुरगी वाता है ।
४ : चौथा कलमा तौहीद : ला
इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू लहुल मुल्कु
व लहुल्हम्दु युहयी व युमीतु बियदि-हिल खैर व हु-व अला
कुल्लि शैयइन क़दीर.
چرم کلمہ توحید
لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَحْدَهٗ لَا شَرِيْكَ لَهٗ لَهُ الْمُلْكُ وَ لَهُ الْحَمْدُ يُحْىٖ وَ يُمِيْتُ بِيَدِهِ الْخَيْرُؕ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شیْ قَدِیْرٌؕ
तर्जुमा : चौथा कलमा अल्लाह एक होनेका
अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं इबादत के
लायक, वह
एक है, उसका
कोई साझीदार नहीं, सबकुछ
उसी का है. और सारी तारीफ़ें उसी अल्लाह के लिए है. वही जिलाता है और वही मारता है. और वोह जिन्दा है, उसे
हरगिज़ कभी मौत नहीं आएगी. वोह बड़े जलाल और बुजुर्गी वाला है.
अल्लाह के हाथ में हर तरह कि भलाई है और वोह हर चीज़ पर क़ादिर है.
५ : पांचवाँ
कलमा रड्डे कुफ़्रे : अल्लाहुम्मा इन्नी ऊज़ुबिका मिन अन
उशरिका बिका शय अव व अना आलमु बिही व अस्ताग्फिरुका लिमा ला आलमु बिही तुब्तु
अन्हु व तबर्रअतू मिनल कुफरी वश शिरकी वल किज्बी वल गीबती
वल बिदअति वन नमीमति वल फवाहिशी वल बुहतानी वल मआसी कुल्लिहा व अस्लमतु व अकूलू ला इलाहा इल्ललाहू मुहम्मदुर रसूलुल ला ﴿ﷺ﴾
پنجم کلمہ رد کفر
اَ للّٰهُمَّ اِنِّیْٓ اَعُوْذُ بِكَ مِنْ
اَنْ اُشْرِكَ بِكَ شَيْئًا وَّاَنَآ اَعْلَمُ بِهٖ وَ اَسْتَغْفِرُكَ لِمَا لَآ
اَعْلَمُ بِهٖ تُبْتُ عَنْهُ وَ تَبَرَّأْتُ مِنَ الْكُفْرِ وَ الشِّرْكِ وَ
الْكِذْبِ وَ الْغِيْبَةِ وَ لْبِدْعَةِ وَ الْبُهْتَانِ
وَ الْمَعَاصِىْ كُلِِّهَا اَسْلَمْتُ وَ
اَقُوْلُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللهِؕ
तर्जुमा : पांचवाँ कलमा कुफ्र को खतम करने के लिए
ऐ अल्लाह में तेरी पन्हा मांगता हूँ इस
बात से के में किसी शेय को तेरा शरीक बनाऊ जान बूझ कर और बख्शीश मांगता हूँ तुझ से
इस (शिर्क) की जिसको में नहीं जानता और मेने इससे तौबा की और बेज़ार हुआ कुफ्र से और शिर्क से और झूट से और
ग़ीबत से और बिदअत से और चुगली से और बेहयाओं से और बोहतान से और तमाम गुनाहो से और में इस्लाम लाया और इमान ताया औन में कहता हूँ के अल्लाह के सिवा कोई
इबादत के लायक नहीं और हज़रत मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल है.
६ : इमाने मुजमत : आमन्तु
बिल्लाही कमा हुवा बि-अस्मा-इही वा सिफातिही वक बिलतु जमी-आ अहकामिही इकरारुम
बिल-लिसान वा तसदीकुम बिल क़ल्ब ।
ایمان مجمل
اٰمَنْتُ بِاللّٰهِ كَمَا هُوَ
بِاَسْمَآئِهٖ وَصِفَاتِهِ وَقَبِلْتُ جَمِيْعَ اَحْكَامِهٖ اِقْرَارُمْ
بِالِّسَانِ وَتَصْدِيْقُمْ بِالْقَلْبِ
तर्जुमा : तुक में ईमान का वर्णनः-
ईमान लाया/लाई मै अल्लाह पर जैसा की वो अपने नामों और सिफ्तों के साथ है और मैंने उसके तमाम अहकाम कुबूल किए ज़बान से इकरार करते हुए और दिल से तसरीक करते हुए ।
७ : इमाने मुफस्सल : आमन्तु
बिल्लाही वा मलाइका-तिही वा कुतुबिही वा रुसूलीही वल यौमिल आखिरि वल क़दरी खैरिही
वा शर-रिही मिनल्लाहि तआला वल बअसि बअदल मौत ।
ایمان مفصل
اٰمَنْتُ بِاللّٰه وَملَٓئِكَتِهٖ
وَكُتُبِهٖ وَرُسُلِهٖ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ وَالْقَدْرِ خَيْرِهٖ وَشَرِّهٖ مِنَ
اللّٰهِ تَعَالٰى وَالْبَعْثِ بَعْدَ الْمَوْتِ
तर्जुमा : ईमान का
विस्तृत विवरण :-
ईमान लाया मै
अल्लाह पर और उसके फरिश्तों पर और उसकी किताबों पर और उसके रसूलों पर और क़यामत के
दिन पर और उसपर की अच्छी और बुरी तकदीर अल्लाह की तरफ से होती है और मौत के बाद
उठाए जाने पर ।
॥ प्रकाशीत ॥
कुव्वते इस्लाम
खलफा ए हुझुर शैखुल इस्लाम
सैयद मख्दुमअली एस कादरी
{तमम मरहुमुन मुस्लिमिना के इसाले सवाबा के लियि}
(नापाड
वाटा) ता. जि.आणंद पिन. ३८८३५॰
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